श्री गोप ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री द्वारा पिछले दिनों भ्रामक खबर देने के कारण उत्तर प्रदेश सरकार को इसका खण्डन करना पड़ा था।
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उन्होंने आर्य समाज का खण्डन करना प्रारम्भ किया, आर्य समाजियों ने भी उनका विरोध किया और पं अखिलानन्द जी को बुलाकर शास्त्रार्थ कराया ।
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जो भी समाज विरोधी, मनुष्य विरोधी मूल्य हैं, रूढ़ियाँ हैं उनका खण्डन करना और अन्त में अपने हत्यारे को क्षमा कर उसे सहारा देना।
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इस नजीर में यह भी निर्धारित किया गया हैं कि अभियुक्त को इस परिकल्पना का खण्डन करना दीवानी मुकदमें के अनुसार संभावनाओं को प्रत्यास्थापित करने जैसा है।
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आर्यसमाजियों को ही देखिए कि वेद को स्वीकार करते हैं-ॐ को स्वीकार करते हैं-यज्ञ-हवन नित्य करते हैं मगर एक दयानन्द को छोड़ कर सबकी निन्दा करना, सबका खण्डन करना इनका स्वभाव बन गया है।
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हिन्दू समाज को दुष्प्रचार से भयभीत अथवा त्रास्त होने के बजाये तथ्यों के आधार पर दुष्प्रचार का खण्डन करना चाहिये और यदि कोई हिन्दू इस प्रकार का घृणित काम निजि तौर पर करे तो उस का पूर्णत्या बहिष्कार भी करना चाहिये।
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डा 0 रामगोपाल जी (आदमपुर), जो उन दिनों दिल्ली में विद्यार्थी थे, उन्होंने वह समाचार पढ़कर श्री मनीराम बिश्नोई, एडवोकेट को पत्र भेजा कि हमें इस प्रकार की मिथ्या घटनाओं को अपनी ही पत्रिका द्वारा खण्डन करना चाहिए।
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वे वापस अपनी मूल चिन्ता पर लौट जाते हैं, कि आर्यों का मूल स्थान क्या था, इस प्रश्न के जवाब के राजनीतिक निहितार्थ होते हैं और रामविलास जी को उस का फ़िक्रमंद होना चाहिये और आर्यों के भारत का मूल निवासी होने से पैदा होने वाली फ़ासिस्ट राजनीति का खण्डन करना चाहिये।
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गुरू रैदास की हत्या के बारे मे लेखक सतनाम सिंह ने अपनी पुस्तक मे प्रमाणिक दस्तावेजो के साथ उल्लेख करते हुए कुछ महत्वपूर्ण कारण बताये है जिसमे गुरू रैदास द्वारा ब्राह्यणवादी व्यवस्था को चुनौती देना, मीरा को दीक्षा देना, वेदो का खण्डन करना, दलितो में राजनैतिक चेतना जाग्रत करना, राजमहल में ब्राह्यणो के वर्चस्व को चुनौती देना आदि प्रमुख कारण रहे थे.
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९ ४ (पूर्व जन्म में पक्षी को इषीका द्वारा विद्ध करने के कारण अणी माण्डव्य ऋषि द्वारा इस जन्म में शूली पर चढना), १ ३ ०. २ ७ (आचार्य द्रोण द्वारा इषीका मुष्टि की सहायता से पाण्डवों की कूप में पडी वीटा / गुल्ली को बाहर निकालने का वृत्तान्त), उद्योग ९ ६. २ ९ (नर व नारायण द्वारा इषीकास्त्र से ही दम्भोद्भव राजा के गर्व का खण्डन करना), सौप्तिक १ ३. १ ९, १ ५.