| 31. | ख़म शीश-ए-जाम छलकते हों तब देख बहारें होली की.
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| 32. | फिर उस के बाद देखेंग जुल्फों के पेच ओ ख़म
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| 33. | ख़म भी दीख लों दो चार
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| 34. | तभी आयेगा देश में दम ख़म.
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| 35. | हर शाही का सर ख़म है
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| 36. | ख़म शीशए* जाम छलकते हों तब देख बहारें होली की।
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| 37. | कब राह-ए-इश्क़ में ख़म न था
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| 38. | ख़म ठोंक ठेलता है जब नर
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| 39. | ख़म शीशए* जाम छलकते हों तब देख बहारें होली की।
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| 40. | खूब जोर शोर से, दम ख़म लगा कर लिखा भी.
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