| 31. | ख़ाक हो जाएँगे हम तुमको ख़बर होने तक।
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| 32. | ये क़ायनात है मेरी ही ख़ाक का ज़र्रा
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| 33. | ख़ाक उड़ती हुई पैरों से लिपट जाती है
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| 34. | रौशन है कहकशां से कहीं आज तेरी ख़ाक
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| 35. | आबरू वतन की जो आंकते हैं ख़ाक की।
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| 36. | आज फिर ख़ाक हो गया मक़सद, और क
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| 37. | ठीक-ठाक क्या रहेगा, ख़ाक ।
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| 38. | आचरण में नहीं आया तो क्या ख़ाक समझे?
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| 39. | मैंने कहा ख़ाक मस्ती कर रहा हूँ.
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| 40. | ख़ाक में लिथड़े हुये ख़ून में नहलाये हुये
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