हेलो दोस्तों मेरा नाम लाला है और मैं स्पेन में काम करता हूं, प्यार से मेरे दोस्त मुझे खोंचा बुलाते है।
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“पाँच हजार! '' फिर खोंचा-“उतरो पहले... '' मुनीम को गाडी से नीचे उतारकर दारोगा ने उसकी आँखों पर रोशनी डाल दी।
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उन्होंने देखा कि बालकों के स्कूलों में जो खोंचा वाले खाने-पीने की चीजें बेचते हैं, वे प्रायः अशुद्ध और हानिकारक होती हैं।
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पहले एक ही खोंचा न बिकता था, अब तीन-तीन बिक जाते हैं, लेकिन ऐसा सोना किस काम का, जिससे कान फटे!
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लेकिन दिमाग का एक दूसरा हिस्सा या दिल, जो भी हो, तपाक से बोलता-हट बदमाश, मेरा ही खोंचा मार रहा है! '
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बहुत देर तक और बहुत दूर तक अल्लाह अपने घिसे पिटे कबाडी जुमलो की खोंचा फरोशी करता है, फिर आ जाता है अपनी मुर्ग की टांग पर---
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बहुत देर तक और बहुत दूर तक अल्लाह अपने घिसे पिटे कबाडी जुमलो की खोंचा फरोशी करता है, फिर आ जाता है अपनी मुर्ग की टांग पर---
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अब साढ़े सात साल से रक्खा पहलवान उस मलबे को अपनी जागीर समझता आ रहा था, जहाँ न वह किसी को गाय-भैंस बांधेन देता था ओर न खोंचा लगाने देता था।
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गोबर को शहर आने पर मालूम हुआ कि जिस अड्डे पर वह अपना खोंचा लेकर बैठता था, वहाँ एक दूसरा खोंचेवाला बैठने लगा है और गाहक अब गोबर को भूल गये हैं।
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ऐ-य, साला गाडीवान, मुँह क्या देखता है रे-ए-ए! कंबल हटाओ इस बोरे के मुँह पर से! '' हाथ की छोटी लाठी से मुनीम जी के पेट में खोंचा मारे हुए कहा था,”इस बोरे को! स-स्साला! ''