मैंने माइरेक के बारे में अधिक से अधिक रियायत से सोचने की कोशिश की, उसके कुकर्म के अच्छे से अच्छे कारण सोचने का प्रयत्न किया और आशा की कि कम से कम अमुक बातें तो माइरेक ने नहीं ही बतायी होंगी, लेकिन इसके सिवा मुझे और कोई शब्द नहीं मिला कि उसने विश्वासघात किया हैं यह डगमगाने लगना या दुर्बलता दिखाना नहीं था, न यह जानलेवा पाशविक अत्याचार के कारण अपनी सुध-बुध खो बैठना था जिसे माफ किया जा सके।