| 31. | हृदय गवाक्ष: औरत नही पाठक नेचरिका जी
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| 32. | लापरवाही से खोलते हैं गवाक्ष और उड़ेल देता …
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| 33. | पूरी कविताएं आप गवाक्ष पर जाकर पढ़ सकते हैं।
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| 34. | मुझे गवाक्ष के बाहर विमुग्धावस्था में झाँकते
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| 35. | गवाक्ष का मतलब तो गाय की आँख होता है. अब पहले...
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| 36. | हृदय गवाक्ष: इस अकेलेपन में भी मैं खिलखिलाना चाहती हूँ।
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| 37. | गवाक्ष में लगी बंदूक को थोड़ा
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| 38. | हृदय गवाक्ष: ये प्यार नहीं है।
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| 39. | हृदय गवाक्ष: अपील एक माँ की
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| 40. | दिल के गवाक्ष खुले हैं और यादों की मंजूषा भी।
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