मन में आकर तुम …………………………………..!! स्वपन-प्रिया तुम बिन सच कितना खाली सा मेरे मन का जोगी दर्पण तुम चाहो तो तोड़ के बंधन मेरे मन के गीत सजा दो तुम चाहो तो प्रीत निवेदन मेरा इक पल में ठुकरा दो! टूट न जाए संयम मनका कुछ मनके संयम के गुथना जब तक मेरी नींद न टूटे मेरे सपन में बस [...] हिन्दी-कविता स्वपन-प्रिया तुम बिन सच कितना
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एक पोस्ट ऐसी भी ”चलिये एक बार फिर से मोमबत्तियां जलायें ” स्वपन-प्रिया तुम बिन सच कितना खाली सा मेरे मन का जोगी दर्पण तुम चाहो तो तोड़ के बंधन मेरे मन के गीत सजा दो तुम चाहो तो प्रीत निवेदन मेरा इक पल में ठुकरा दो! टूट न जाए संयम मनका कुछ मनके संयम के गुथना जब तक मेरी नींद न टूटे मेरे सपन में बस [...] हिन्दी-कविता तुम बिन सच कितना