| 31. | अवशोषण ज्यादातर ग्रहणी और मध्यांत्र (Jejunum) में होता है।
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| 32. | के संपर्क से ग्रहणी को श्लेष्मल स्तर की कोशिकाओं में सिक्रेटिन (
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| 33. | पित पिताश्य से निकलकर ग्रहणी में न जाकर सीधे रक्त में जाएं।
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| 34. | ज़ोलिन्गर-एलिसन संलक्षण (सिंड्रोम), एच. पाइलोरी का नाश, ग्रहणी और जठरीय अल्सर, और
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| 35. | मिश्र जी को कुछ दिनों से ग्रहणी रोग के लक्षण दिखाई दे रहे
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| 36. | अमाशयव्रण में अन्नद्रवशूल होता है तो ग्रहणी व्रणमें परिणाम शूल होता है ।
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| 37. | यह ग्रहणी (duodenum) के घेरे में उदर गुहा के पश्चभाग में रहते हैं।
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| 38. | ग्रहणी अल्सर में, विशेष रूप से रात में अक्सर पीड़ादायक और उपवास है.
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| 39. | पिपल्यासव: मंदाग्नि, क्षय, कफ, खांसी, गुल्म, उदर रोग, ग्रहणी तथा अर्श नाशक।
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| 40. | मानव शरीर में आमाशय और ग्रहणी आहार नाल के सबसे महत्वपूर्ण भाग हैं।
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