दाब रसायन का अध्ययन हेनरी म्वाँसाँ (Moissan) के उस प्रयोग से आरंभ होता है, जिसमें उन्होंने उच्च दाब पर ग्रैफाइट को उच्च ताप तक गरम करके कृत्रिम हीरा बनाने का असफल प्रयत्न किया था।
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व्यापारिक गोपनीयता के कारण संश्लेषण प्रक्रम को विस्तार से प्रकाशित नहीं किया गया है, किंतु पी.डब्ल्यू. ब्रिजमैन (P.W. Bridgman) का अनुमान है कि ग्रैफाइट को 1,00,000 वायुमंडल दाब से भी अधिक दाब पर रखकर, 2,500 डिग्री से लेकर 3,000 डिग्री सें.
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ऐसे ही में एक बार जब मेरा किशोरावस्था का मित्र सुहास अपने भाई से मिलने भोपाल आया था, जो ग्रैफाइट इण्डिया में काम करता था और मुझसे मुलाकात करने राजेश के कमरे पर पहुंचा था तो इस मंजर को देखकर अवाक रह गया था।