| 31. | और तो और यह घर ही बेंच दो जिसकी मैं घरनी हूँ!!
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| 32. | घर घरनी की सनातन परम्परा को आदर और आशीष देती अमृत वाणी।
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| 33. | ' पुरानी मसल झूठी थोड़े है-बिन घरनी घर भूत का डेरा।
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| 34. | चर के तृण आते, थके वहाँ बैठते थे मृग औ उसकी घरनी
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| 35. | घरनी कविता डपट दे पहेरू को इतनी तेजस्विनी मानवती तो हो!!
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| 36. | ‘ पुरानी मसल झूठी थोड़ी है-बिन घरनी का घर भूत का डेरा।
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| 37. | घरनी कविता के लिए तो … पहेरु आलोचक का अनुशासन तो..
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| 38. | पास मे थोडी़ सी जमीन थी, लेकिन घरनी के बिना सबकुछ सूना था।
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| 39. | फिर होरी से बोला-घरनी के बिना घर नहीं रहता भैया।
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| 40. | ' पुरानी मसल झूठी थोड़े है-बिन घरनी घर भूत का डेरा।
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