भाभी की चपल ठिठोली है / माँ के आँचल की छाया है दादी की परी कथाओं का/वह जादू है वह टोना है हम हँसते थे घर हँसता था/फिर यादों में खो जाता था मैने देखा है कभी कभी/घर भूखा ही सो जाता था मुझको तीजों त्योहारों पर/दरवाजे पास बुलाते थे खिडकियाँ झाँकती रहती थीं/कमरे रिश्ते बतलाते थे आँगन में चलती हुई धूप/कल्पना लोक में चाँदी है दीवारों पर सूखती हुई/मक्के की बाली सोना है वैसे तो माटी माटी है/मेरे बाबा वाला वह घर लेकिन यादों का राजमहल/उस घर का कोना कोना है।