अपनी शारीरिक परेशानी के बावजूद गाड़ी में प्रतिदिन संघ के ऑफिस आन ा, हिसाब-किता ब, हर विभाग की देखभा ल, कार्यकर्ताओं व वैतनिक कर्मचारियों से बातचीत के अलावा बच्चों से घिर जाना और बातें तथा चुहलबाजी करना उनकी दिनचर्या है।
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जीवन की सबसे पवित्र प्रार्थना में अनंत बार दुहराया जाना था इसे डूब जाना था हमें अनवरत अभ्यर्थना के शुभ भाव में घिर जाना था ईश्वर की अपरिचित गंध में महसूस करना था हथेली में छलछलाती श्रद्धा का रहस्य-भरा अनुभव.
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अपनी शारीरिक परेशानी के बावजूद गाड़ी में प्रतिदिन संघ के ऑफिस आन ा, हिसाब-किता ब, हर विभाग की देखभा ल, कार्यकर्ताओं व वैतनिक कर्मचारियों से बातचीत के अलावा बच्चों से घिर जाना और बातें तथा चुहलबाजी करना उनकी दिनचर्या है।
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उपसंहार में उनकी देहों का जुड़ जाना, फिर छूटने की ज़िद्दोज़हद में विपरीतमुखी हो कर प्रलाप की स्थिति में भीड़ में घिर जाना, पत्थरों की मार, और प्राय: संधि भंग करने की कोशिश में संधिस्थल पर लाठी-डंडे का प्रहार।
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अर्थव्यवस्था के बुलबुले फूटने के इस दौर का भारत, ब्राजील और दूसरे देशों के लिए बड़ा सबक यह है कि जब वित्तीय संस्थाएं अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल हो जाती हैं, तब अर्थव्यवस्थाओं का एक के बाद दूसरे संकट में घिर जाना तय है।
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):खतरे में चारों तरफ से घिर जाना हर व्यक्ति को आतंकित कर देता है.स्वाभाविक है ऐसा होना लेकिन घटना के बाद भय का बरपा रहना हफ़्तों कई मर्तबा महीनों तक एक मेडिकल कंडीशन है,डिस-ऑर्डर है.एन्ग्जायती-डिस-ऑर्डर जिसे पी टी एस डी कहा जाता है.
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आपका खुद का अपहरण हो जाना या आपके सामने किसी और का अपहरण बलात हो जाना, किसी बड़ीसड़क या रेल दुर्घटना का दुर्घटना का हो जाना या उसका साक्षी होना.किसी आतंकी वारदात का आपके सामने घटना,आपका भी उसमे घिर जाना आदि अनेक वजहें होतीं हैं पी टी एस डी की ।
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नई दिल्ली। फिल्म ' मद्रास कैफे' 23 अगस्त मतलब कल बॉक्स ऑफिस पर रिलीज होगी। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट होगी या नहीं पर फिल्म का प्रमोशन सुपरहिट है। किसी भी फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर रिलीज होने से पहले ही विवादों में घिर जाना फिल्म के प्रमोशन के लिए रामबाण की तरह साबित होता है। फिल्म 'मद्रास कैफे' के साथ भी कुछ ऐसा
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तो फिर इस पत्रिका में एक ईसाई समाज सुधारक द्वारा लिखे गए लेख से इतना विवाद क्योंकर हुआ? क्या भाजपा की “ अपनी आंतरिक पत्रिका ” को भी “ सेकुलरिज्म की बीमारी ” से घिर जाना चाहिए, जहाँ चर्च से जुडी हर खबर “ पवित्र ” ही हो, वर्ना न हो? जाहिर है कि यह मामला भाजपा की अंदरूनी उठापटक का है, जिसके लिए फ्रांसिस साहब के इतने महत्वपूर्ण लेख को दरकिनार करते हुए असली-नकली वेबसाईट और उसे मिलने वाले विज्ञापन जैसे बकवास मुद्दों को षडयंत्रपूर्वक तूल दे दिया गया.