अधिक मास (मलमास) के परिप्रेक्ष्य में हिन्दी व हिजरी संवतों का तुलनात्मक विवेचन चैत्रादि द्वादश मास युक्त भारतीय हिन्दी वर्ष चांद्रमास से बना है।
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ऊपर हमने चांद्रमास का जो उल्लेख किया है उसको वस्तुत: सौर चांद्रमास कहना चाहिए, क्योंकि उसका आधार सूर्य और चंद्रमा के साथ मिश्र रूप में है।
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ऊपर हमने चांद्रमास का जो उल्लेख किया है उसको वस्तुत: सौर चांद्रमास कहना चाहिए, क्योंकि उसका आधार सूर्य और चंद्रमा के साथ मिश्र रूप में है।
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ऊपर हमने चांद्रमास का जो उल्लेख किया है उसको वस्तुत: सौर चांद्रमास कहना चाहिए, क्योंकि उसका आधार सूर्य और चंद्रमा के साथ मिश्र रूप में है।
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ऊपर हमने चांद्रमास का जो उल्लेख किया है उसको वस्तुत: सौर चांद्रमास कहना चाहिए, क्योंकि उसका आधार सूर्य और चंद्रमा के साथ मिश्र रूप में है।
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चांद्रमास (सं.) [सं-पु.] 1. वह मास या महीना जो चंद्रमा की गति के अनुसार निश्चित होता है 2.
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लेकिन हम यहाँ जिस महिने को व्यवहार में लाते हैं वह चांद्रमास तो इस से दो दिन अधिक का और लगभग 30 दिनों का होता है।
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5. साइनोडिक या संयुति मास-हम ने अब तक जितने भी चांद्रमास देखे हैं उन की अवधि लगभग 27.2 से 27.5 दिन के बीच की है।
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ये सब चांद्र मास के ऊपर निर्भर हैं, चांद्रमास अधिक मास पर निर्भर हैं, अधिक मास सौर संक्रांति के ऊपर निर्भर हैं और सौर संक्रांति वर्षमान के ऊपर निर्भर है।