षोडशोपचार पूजा के अतिरिक्त छत्र, चामर, पादुकादि एवं रत्नों से विविध सामग्री व सज्जा से की गई पूजा राजोपचार कहलाती है।
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वहां पर चामर कैटभ नामक तीर्थ में स्नान करके समीप में स्थित एक वट वृक्ष की छाया में विश्राम करने के विचार से बैठ गए।
33.
‘‘ अन्य दैत्यों की चतुरंगिणी सेना साथ लेकर चामर भी लड़ने लगा, साठ हजार रथियों के साथ आकर उदग्र नामक महादैत्य ने लोहा लिया।
34.
यह ग्रह स्थिति हुई।तब्बू की पत्रिका में गजकेसरी योग, मरुद योग, चामर योग, मालव्य योग, कलानिधि योग देखने को मिलता है।
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चित्र से काव्य तक“आदरणीय सम्पादक महोदय से एक बार पुनः आग्रह कर रहा हूँ क्षमा सहित के मेरे छंद पञ्च चामर में इस तरह से…”13
36.
चित्र-परिचय (चामर प्रातिहार्य) स्वर्णगिरि-सुमेरु के चन्द्र-किरण से उज्ज्वल झरनों के साथ भगवान की स्वर्णिम देह के दोनों ओर दोलायमान उज्ज्वल चँवरों की तुलना की गई है।
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बिहार की हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता और शिल्प कौशल का नमूना तीसरी शताब्दी में बने चामर गृहिणी की मूर्ति के रूप में उन्हें देखने को मिला।
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युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में इस प्रदेश के राजा ने उत्तम घोड़े, सोना, रत्न और बाक के पूँछ के बने काले और सफेद चामर भेंट किए थे।
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युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में इस प्रदेश के राजा ने उत्तम घोड़े, सोना, रत्न और बाक के पूँछ के बने काले और सफेद चामर भेंट किए थे।
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युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में इस प्रदेश के राजा ने उत्तम घोड़े, सोना, रत्न और याक के पूँछ के बने काले और सफेद चामर भेंट किए थे।