इस बीमारी का कारण एक टेप कृमि (tapeworm) है जिसे एकायनिकोस क्रानिलेसिस कहा जाता है, यह एक छोटा कीड़ा है जिसके व्यस्क की लंबाई (2-9) मिमी होती है, जो तीन वर्गों और सिर और गर्दन से मिलकर बनता है और सिर में चार चूसक होते हैं।
32.
आज तड़के ऐ भी भिड़ते ही न्यूं बोल्या, ” रै कीट-ज्ञानियों न्यू तो बताओ अक इस बी. टी. कपास कै कण-कण में मौजूद यू जहर रस चूसक कीड़ों को क्यों नही ख़त्म करता? जै चर्वक कीटों की तरह चूसक कीटों को भी मार देता तो जमा ऐ जीस्सा आ जाता।
33.
आज तड़के ऐ भी भिड़ते ही न्यूं बोल्या, ” रै कीट-ज्ञानियों न्यू तो बताओ अक इस बी. टी. कपास कै कण-कण में मौजूद यू जहर रस चूसक कीड़ों को क्यों नही ख़त्म करता? जै चर्वक कीटों की तरह चूसक कीटों को भी मार देता तो जमा ऐ जीस्सा आ जाता।
34.
साथ ही किसान भाईयों को इस मौसम में अपने खेतों की नियमित निगरानी करने को कहा क्योंकि अधिक आद्रतां तथा तापमान फसलों में कीटों और बीमारियों को बढावा देते है, फसलों में यदि सफ़ेद मक्खी या चूसक कीटों का प्रकोप दिखाई दें तो इमिडाक्लोप्रिड दवाई 1.0 मि. ली. / 3 लीटर पानी में मिलाकर छिड़¬काव करने की सलाह दी,धान की फसल में पत्त्ता मरोंड या तना छेदक कीट का प्रकोप दिखाई दे तो करटाप दवाई 4% दानें 10 किलोग्राम/एकड़ का बुरकाव करने का सुझाव दिया।