| 31. | ब्रह्माजी हुये निहाल, सिद्धिदात्रि माता छाँव में जाकर
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| 32. | नीले पेड़ों की घनी छाँव में हँसता सावन
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| 33. | कहीं तो छाँव सिरहाने लगाकर बैठ गए...
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| 34. | लफ्जों की धूप छाँव का धंधा नहीं किया
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| 35. | आँचल की छाँव में तुझ अबोध को रखा
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| 36. | उस सड़क की छाँव के खो जाने का..
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| 37. | धूप मे भी छाँव का एहसास होता है
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| 38. | तो कहीं छाँव को तरसाती चिलचिलाती धुप..
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| 39. | पीपल, बरगद,नीम बुलाएं, हाथ हिलाकर छाँव में!
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| 40. | छाँव, फल, फूल और ताज़ी हवा
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