मोहन-मन हूँ भलों के बीच में, मैं एक पागल भेडियों में या फँसी, मजबूर छागल मूक-सम्मोहित, घुटाले मैं निहारूं देश देखूं जा रहा गहरे रसातल
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अजी लाख ये कूलकिंग के मयूर जग और बिसलेरी की बोतलें चलें मगर सुराही और छागल के ठंडे मीठे पानी का तो कोई जवाब ही नहीं था ।
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छागल 2 (सं.) [सं-पु.] 1. बकरा 2. बकरे की खाल की बनी हुई चीज़ 3. एक प्रकार की मछली।
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अजी लाख ये कूलकिंग के मयूर जग और बिसलेरी की बोतलें चलें मगर सुराही और छागल के ठंडे मीठे पानी का तो कोई जवाब ही नहीं था ।
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इसी प्रकार जब कभी वे किसी छागल के मुंहाने से पानी पीते थे तो उनके साथ उस छागल के मुंहाने को काट कर रख लेते थे ताकि उससे विभूति प्राप्त कर सकें।
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इसी प्रकार जब कभी वे किसी छागल के मुंहाने से पानी पीते थे तो उनके साथ उस छागल के मुंहाने को काट कर रख लेते थे ताकि उससे विभूति प्राप्त कर सकें।
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लेकिन ये जिस जोश खरोश के साथ एक कंधे पर फावड़ा और दूसरे पर पानी की छागल लेकर शाहजहाँ पार्क के हर कोने में नए नए पौधे रोपते हुए दिखाई देते हैं वह निश्चित रूप से अनुकरणीय है!
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उसी तरह पैरों के गहनों में अनौखा, कड़ा, गूजरी या गुजरिया, घुंघरू, चुल्ला, चूरा, छड़ा, छागल, छैलचूड़ी, झाँझैं, टोड़र, तोड़ा, पायजेब, पैजना, बाँके तथा लच्छा आदि हैं ।
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!!!-हर शब् द का अर्थ उसके मायने कितना अर्थ लिए होते हैं कोई शब् द किसी को जिन् दगी देता है तो किसी को जीना सिखाता है...! होम करते हाथ................-**** देखने में रस की जो छागल लगे इस तरह के शख्स तो घायल लगे.
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चालीस के पेटे में पहुंच चुकी पीढी के दिलोदिमाग से अभी यह बात विस्मृत नहीं हुई होगी जब वे परिवार के साथ सफर किया करते थे तो साथ में पानी के लिए सुराही या छागल (एक विशेष मोटे कपडे की बनी थैली जिसमें पानी ठण्डा रहता था) अवश्य ही रखी जाती थी।