कई सारे एक कोशीय जीव, जठरांत्र शोथ का कारण बन सकते हैं-सबसे आमतौर पर जियार्डिया लैम्बलिया-लेकिन एन्टामोएबा हिस्टोलिटिका तथा क्रिप्टोस्पोरिडियम प्रजातियों को भी शामिल पाया गया है।
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यह अनुमान है कि जठरांत्र शोथ के तीन से पांच बिलियन मामले हर वर्ष होते हैं [60] जो कि प्राथमिक रूप से बच्चों तथा विकासशील दुनिया के लोगों को प्रभावित करते हैं।
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जठरांत्र शोथ के लिए आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल नहीं होता है, हलांकि यदि लक्षण विशेष रूप से गंभीर हों [52] या अतिसंवेदनशील बैक्टीरिया की पहचान हो या उसका संदेह हो तो कभी-कभी उनकी अनुशंसा की जाती है।
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जठरांत्र शोथ में दिखने वाले संकेतों और लक्षणों के समान दिखने वाले लक्षणों के अन्य कारण जिनको अलग करने की आवश्यकता है उनमें उण्डुक-शोथ (अपेंडिसाइटिस), आंत में असामान्य घुमाव के कारण रुकावट(वॉल्वलस),सूजन वाला आंत्र रोग, मूत्र पथ के संक्रमण तथा मधुमेह शामिल हैं।
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जठरांत्र शोथ (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) एक ऐसी चिकित्सीय स्थिति है जिसे जठरांत्र संबंधी मार्ग(“-इटिस”)की सूजन द्वारा पहचाना जाता है जिसमें पेट (“गैस्ट्रो”-) तथा छोटी आंत (“इन्टरो”-) दोनो शामिल हैं, जिसके परिणास्वरूप कुछ लोगों को दस्त, उल्टी तथा पेट में दर्द और ऐंठन की सामूहिक समस्या होती है।
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[21] “ट्रैवेलर्स डायरिया” आमतौर पर जीवाणुओं द्वारा उत्पन्न जठरांत्र शोथ का एक प्रकार है| एसिड का दमन करने वाली दवा, कई जीवों से प्रभावित होने के बाद महत्वपूर्ण जोखिम को बढ़ाती हुई प्रतीत होती है, इन जीवों में क्लोस्ट्रीडियम डिफिसाइल, सेल्मोनेला और कंपाइलोबैक्टर प्रजातियां शामिल हैं।
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उदाहरण के लिए, एक अनुमान के अनुसार दस लाख काम्प्य्लोबक्टेर के मामले और ५-७ % मामले जठरांत्र शोथ अमेरिका में प्रति वर्षी दर्ज होते हैं इसके अलावा, यूनाइटेड किंगडम में सन २००० साल में,काम्प्य्लोबक्टेर जेजुनी खाने द्वारा हुई बीमारी के ७७% मामलों में शामिल थे.