| 31. | जन्मकुण्डली की भांति मुहुर्त का भी ज्योतिषशास्त्र में महत्वपूर्ण स्थान है (
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| 32. | अपनी जन्मकुण्डली स्वयं बना ले तथा उसका वाचन भी स्वयं कर ले।
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| 33. | मेरे विचार से जन्मकुण्डली के लिए आवश्यक पदार्थों ग्रहो, नक्षत्रों, भावो (
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| 34. | उत्तर एवं दक्षिण भारत में प्रयोग में लाये जाने वाले जन्मकुण्डली चित्र-
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| 35. | उन दिनों जन्मकुण्डली के आधार समय को ले कर कोई बहस नहीं थी।
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| 36. | इस स्थिति को जन्मकुण्डली में शनि की अवस्था से जाना जा सकता है.
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| 37. | जन्मकुण्डली है जिसे तब एक अनाम, अत्यन्त साधारण दुबले-पतले एटर्नी एम.के. गांधी ने
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| 38. | किसी भी बच्चे या व्यक्ति की जन्मकुण्डली का निर्माण करने के लिए तीन
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| 39. | जन्मकुण्डली के 1, 4,7,8, एंव 12वें भाव में मंगल के होने से जातक/जातिका (
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| 40. | खासतौर पर जब जन्मकुण्डली में शनि-राहु की युति चौथे भाव में बन रही हो।
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