अकेले रहने से बचें तथा किसी न किसी कार्य में जहां तक हो सके संलग्न रहें तथा जरकिन की साढ़े सात रत्ती की अंगूठी चंदी में जड़वाकर शुक्रवार की सुबह अनामिका अंगुली में धारण करें।
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जब व्यक्ति युवावस्था और वृद्धावस्था के बीच अर्थात 45 वर्ष के लगभग होता है, उस समय हीरे के स्थान पर जरकिन की सलाह न देकर ओपल रत्न पहनने की सलाह दी जाती है, जो हीरे के समान ही कार्य करता है।
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सिर्फ सोने के आभूषण ही नहीं बल्कि, आधुनिकता के दौर में नेकलेस, ब्रासलेट, ईयररिंग्स, एंकलेट्स आदि ज्वेलरी के ये तमाम रूप जरकिन की जगमगाहट से युवतियों के सौंदर्य में चार चांद लगाते हैं, जो कि अनेक डिजाइनों में मार्केट में उपलब्ध हैं! ये ज्वेलरी हर ड्रेस के साथ जंचती है!