संरक्षित वन से जहां 10, 000 लोग साल के पत्तों से थाली बनाकर, 8,000 लोग तेन्दु पता चुन कर, 6,500 लोग जलावन की लकड़ी बेचकर, 5,000 लोग बांस के कारीगर का काम करते हुए, 4,000 लोग बीड़ी बनाकर, 200 लोग वन व्यापारी के रूप में तथा 100 लोग लकड़ी का काम करते हुए जीविकोपार्जन करते हैं।
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* Indian Forest Act-* 1865 में Indian Forest Act बनाया गया और ये लागू हुआ 1872 में | इस कानून के बनने के पहले जंगल गाँव की सम्पति माने जाते थे और गाँव के लोगों की सामूहिक हिस्सेदारी होती थी इन जंगलों में, वो ही इसकी देखभाल किया करते थे, इनके संरक्षण के लिए हर तरह का उपाय करते थे, नए पेड़ लगाते थे और इन्ही जंगलों से जलावन की लकड़ी इस्तेमाल कर के वो खाना बनाते थे |
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संबलपुर: गत शनिवार से लापता एक लकड़हारे अशोक बिस्वाल का शव रविवार को रेंगाली ब्लाक अंतर्गत पंडियापाली गांव निकटस्थ जंगल से बरामद हुआ। किसी जंगली हाथी के हमले में वह मारा गया था। संबद्ध सासन पुलिस ने शव को जब्त कर पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया। जानकारी के मुताबिक पंडियापाली गांव का 45 वर्षीय अशोक बिस्वाल हमेशा की तरह शनिवार को जलावन की लकड़ी लाने निकट के जंगल में गया था और वापस नहीं लौटा। देर शाम तक जब वह वापस नहीं लौटा तो उसके परिजन उसे खोजने निकले, लेकिन अशोक का कुछ