एक बार खबर उड़ी कि कि कविता अब कविता नहीं रही और यूं फैली कि कविता अब नहीं रही! यकी़न करने वालों ने यक़ीन कर लिया कि कविता मर गई, लेकिन शक करने वालों ने शक किया कि ऐसा हो ही नहीं सकता और इस तरह बच गई कविता की जान ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि यक़ीनों की जल्दबाज़ी से महज़ एक शक ने बचा लिया हो किसी बेगुनाह को (कुंवर नारायण / यक़ीन की जल्दबाज़ी से)
32.
एक बार खबर उड़ी कि कि कविता अब कविता नहीं रही और यूं फैली कि कविता अब नहीं रही! यकी़न करने वालों ने यक़ीन कर लिया कि कविता मर गई, लेकिन शक करने वालों ने शक किया कि ऐसा हो ही नहीं सकता और इस तरह बच गई कविता की जान ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि यक़ीनों की जल्दबाज़ी से महज़ एक शक ने बचा लिया हो किसी बेगुनाह को (कुंवर नारायण / यक़ीन की जल्दबाज़ी से)