उनकी साँसों की आवाज़ मेरे कान में बहुत ही मीठे गीत की तरह लग रही थी, बीच बीच में भाभी “ अहह ” कहते हुए अपनी बुर से मेरे लौदे को जाकड़ लेती थी.
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चूतड़ को घुमाती थी, फिर मेरे चेहरे को देखती कि मेरी क्या हालत हो रही है, और मेरे आँखों में आँखें डाले चूत को अंदर ही अंदर सिकोड कर मेरे लौदे को जाकड़ लेती थी.
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और कब से तुम्हारा लंड अपनी चूत मे लेने के लिए बेचैन थी...... ” ये कहकर मालती ने रणबीर को अपनी बाहों मे जाकड़ लिया और नीचे से अपने भारी भारी चूतड़ उछाल ठप पर ठप लगाने लगी.
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हमारे आँखों में एक ही चाह थी! नीतू भाभी ने अब अपने मुँह में दाँतों को कड़ा कर लिया और लौदे को चूत के बिल्कुल अंदर दबोच लिया, उनकी जंघें मेरे कमर को बिल्कुल जाकड़ चुकी थी.
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फिल्म एक न्यूज़रील सा फील देती सी शुरु होती है जिसमें एक आदमी को विदेशी पुलिस पकड़ रही है....फिर एक रौकस्टार दिखता है जो स्टेज पर अपने जलवे बिखेर रहा है और फिर पहुंचती है नौर्थकेंपस जहां कहानी शुरु होती है....जनार्दन जाकड़ जो एक रौकस्टार बनना चाहता है, जिम मौरिशन की तरह....
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मैं कोई 10 सेकेंड यूँही लिपटी रही, टब मुझे पता चला के मैं अपने पापा के नंगे जिसम से लिपटी हुई हूँ.मैं ने घबरा कर पापा से अलग हो ने की कोशिश की तो पापा ने मेरी कमर मैं अपना हाथ डाल कर मुझे मज़बूती से अपने नंगे जिसम के साथ जाकड़ लिया."जानू ऐसे ही बैठी
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राधिका ने नाटक करते हुए अपने आप को छुड़ाने की झूठी सी कोशिश की लेकिन बाबूजी ने उसे और भी कस कर जाकड़ लिया और अपनी बटी को बेतहाशा चूमने लगे, उनका लंड राधिका के पेट को टच कर रहा था, बाबूजी ने उसकी चुचि कस कर दबानी शुरू कर दी और राधिका ने ड्रामा किया”
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अब उसने रजनी को ज़ोर से अपनी छाती से चिपका लिया, उसके चूतड़ अपने हाथों मे कस लिए और उसके छूतदों को अपने लंड पर ज़ोर ज़ोर से पटाकने लगा और धीरे धीरे रफ़्तार कम पड़ती गयी और दोनो बिल्कुल शांत हो एक दूसरे को जाकड़ फर्श पर कई देर तक वैसे ही बैठे रहे.
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हाआंन् णणन्! “ उनकी चूत का जाकड़ और बढ़ गया था, और मुँह से कोई सॉफ बात नही, सिर्फ़ ” ऊऊओउउउइईईईईई …….. आआआहह ………. डैय्य्याआआआआआ ……. डायय्या रे दैययय्याअ ……….. ऊऊओउुउउइईईई …..!!!!! ” अब मैं ने अपनी चुदाई की रफ़्तार कुच्छ कम कर दी, ताकि भाभी का मज़ा कुच्छ देरी तक रहे, पर पेलता रहा बिल्कुल अंदर तक.
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उनकी आँखें मुझसे बातें करती दिखी. कह रही थी: “ अब समझे, मज़े कैसे किए जाते हैं! ” उनकी चूत जब नीचे मेरे लौदे के जड़ तक आती थी तो वो अपने चूत से लौदे को चारो तरफ घूमाकर रगड़ती थी, पर जब उपर उठती तो अपनी चूत से लौदे को इस तरह जाकड़ लेती की मेरे लौदे को खींचती जाए और छ्चोड़े ही नही.