इनमें साहित्य की दृष्टि से सुत्तपिटक को ही महादेवी ने सर्वसाधारण के लिए महत्वपूर्ण माना है, क्योंकि उसमें धम्मपद, जातक कथाएँ, थेर-थेरी गाथाएँ जैसी कृतियाँ शामिल हैं, जिनके अभाव में हमारे साहित्य का इतिहास अधूरा रह जाता है।
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लघुकथा, जो विश्व-साहित्य में सर्वाधिक पुरातन रूप है और पंचतंत्र, हिलोपदेश, जातक कथाएँ जैसी धरोहर को दृष्टांतों के रूप में समाहित करते हुए हर समय में अपने तेवर तो बदलती रही है, लेकिन इस ने अपने लघु कलेवर की विशेषता नहीं बदली।
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जातक कथाएँ दक्षिण भारतीय बौद्ध भिक्षुओं के द्वारा सुनी सुनायी बातों के आधार पर लिखी गयी हैं और पउम तरिउ उत्साहातिरेक से भरे उस जैन कवि के द्वारा, जिसका वश चलता तो राम, कृष्ण आदि के समान जगन्नियन्ता परमेश्वर को भी जैनधर्म में दीक्षित करके दम लेता।
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स्मृति इस यात्रा का पाथेय है और लोक सहयात्री-“ ' किसी कवि ने कहा करुणा कलित हो चंद छंदों में / बनी सत् प्रेरणा सद्भावना समवेत ग्रंथों में / वनों में रम रहे ऋषि ने कहा जो वेद वाणी में / वो बचपन में सुनी हमने कभी माँ से कहानी में / विगत में ताड़ पत्रों पर लिखी जातक कथाएँ हैं / समय की मान्यताएँ है. ' ''
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इसलिए जिस लघु-आकारीय कथा-रचना का मूल पंचतंत्र, हितोपदेश, जातक कथाएँ अथवा अन्य पुरातन कथा-स्रोत बताए जाते हैं वह (इने-गिने अपवादों को छोड़कर, घनीभूतता के साथ सन् 1970 तक तथा विरलता के साथ 1975-76 तक भी) ‘ लघुकथा ' है और जिसका उद्भव वर्तमान जीवन की विसंगतियों से बताया जा रहा है, वह पूर्व-कथित उसी ‘ लघुकथा ' का विकसित स्वरूप ‘ समकालीन लघुकथा ' है जिसका प्रादुर्भाव लगभग सभी लघुकथा-आलोचक 1971 से स्वीकार करते हैं।
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45इस पुस्तक में तुलसीदास का वर्णन दंत कथाओं पर आधारित है......आगे552 तानसेन अनन्त पई पृष्ठ 32 मूल्य $ 2.45भारतीय संगीतज्ञ तानसेन पर आधारित पुस्तक...आगे553 जातक कथाएँ सियार की कथाएँ अनन्त पई पृष्ठ 32 मूल्य $ 2.45पेश है सियार की कथाएँ....आगे556 हितोपदेश मित्रलाभ अनन्त पई पृष्ठ 32 मूल्य $ 2.45मित्र से होने वाले लाभों का वर्णन....आगे558 समझदार बीलबल अनन्त पई पृष्ठ 32 मूल्य $ 2.45बीरबल के जीवन पर आधारित पुस्तक.....आगे559 न्यायप्रिय बीरबल अनन्त पई पृष्ठ 32 मूल्य $ 2.45बीरबल शहंशाह अकबर के दरबार में एक रत्न थे।
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