| 31. | दुष्ट रक्तक्षीणता (pernicious anaemia) में तंत्रिका जीवविष (neurotoxin) के कारण मेरुरज्जु का अपकर्षण होता है।
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| 32. | जीवाणुज जीवविष और जीवाणु के अन्य घटकों से संपर्क एटोपिक एटोपी से उत्पन्न रोगों को कम कर सकता है।
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| 33. | कुछ पदार्थ जैसे कि चीनी, नमक, खमीरयुक्त दही, खट्टे स्वाद वाले खाद पदार्थ एवं अल्कोहल रक्त के लिये जीवविष हैं।
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| 34. | विषाक्तता के आपाती उपचार (emergency treatment) के लिए, जिसमें जीवविष (toxin) खा लिया गया हो, निम्नलिखित क्रियाविधि अपनानी चाहिए:
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| 35. | शरीर की विभिन्न रक्षापंक्तियों को भेदकर परजीवी रोगकारी जीवाणु अथवा विषाणु शरीर में प्रवेश कर पनपते हैं और जीवविष (
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| 36. | रक्त बहने देने का प्रयोग जठरांत्र पथ के द्वारा रक्तप्रवाह में अवशोषित जीवविष को बाहर निकालने के लिये किया जाता है।
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| 37. | यह वास्तव में स्थानिक रोग है, किंतु जीवाणु द्वारा उत्पन्न हुए जीवविष के शरीर में व्याप्त होने से रुधिर विषाक्तता (
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| 38. | इस प्रक्रिया के अंतर्गत हर कोशिका में कीटनाशक जीवविष पैदा करने के लिए मृदा जीवाणु बेसीलम थुरिजिएनसिस की जीन भरी जाती है।
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| 39. | कुछ विद्वान यह भी मानते हैं कि शरीर में उत्पन्न हुए जीवविष (टॉक्सिन) मनोविकार उत्पन्न करने के बहुत बड़े कारण होते हैं।
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| 40. | कुछ जीवाणु, जैसे डिपथीरिया (diphteria), धनुस्तंभ आदि के जीवाणु, अपने शरीर से जीवविष (exotoxin) निकालते हैं, जो शरीर पर दुष्प्रभाव उत्पन्न करते हैं।
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