किसी एक के भी अंतर का स्नेह न चुकने पाए, तम के आगे ज्योति पुंज का दीप न बुझने पाए॥
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ऐसा इसलिए क्योंकि इतने दीप्तिमान, स्निग्ध आभा वाले ज्योति पुंज में ये धब्बे मनीषियों को अशोभनीय प्रतीत हुए सो उन्होंने इन्हें कलंक कहा ।
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ऐसा इसलिए क्योंकि इतने दीप्तिमान, स्निग्ध आभा वाले ज्योति पुंज में ये धब्बे मनीषियों को अशोभनीय प्रतीत हुए सो उन्होंने इन्हें कलंक कहा ।
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एक बार एक विद्यार्थी ने पूछा कि त्राटक करने से आंखों से एक ज्योति पुंज निकलेगा जो कि दूसरे लोगों को अपने वश में कर लेगा।
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अचानक सपने में वीर कुंवर सिंह को एक दिव्य ज्योति पुंज ने दर्शन दिया तथा सावधान करते हुए अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर चले जाने का निर्देश दिया।
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इसके अलावा ज्योति पुंज महिला एवं ग्राम विकास संस्थान ने ग्राम टियाला में सावित्री बाई फूले की जयंती को महिला सुरक्षा सम्मान के रूप में मनाया गया।
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विशिष्ठ अतिथि डॉ ज्योति पुंज ने कहा कि वैश्वीकरण के वर्त्तमान दौर में हमारे परंपरागत ज्ञान को बचाए रखना और आने वाली पीढ़ी तक पहुचना बड़ी चुनोती है।
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परन्तु ज्योति रूपा शक्ति तुरन्त ही अपनी पैतृक अथवा आनुवांशिक रूप ‘ वचन ' रूप शब्द रूप को छोड़कर तुरन्त ही ज्योति पुंज रूप में परिवर्तित हो गयी।
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रूपसी, तुम पूर्णिमा की ज्योति पुंज! लटें घनघोर घन या सघन कुञ्ज! सुनयने आज तो आँखे लड़ा लो नयन घट प्रेम की मदिरा पिला दो.
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खुला प्रकट हुयी प्रदाह सिक्त ज्यों प्रभा समुज्ज्वला असंख्य ज्योति पुंज संग नाचती हो चंचला पड़ी जो दृष्टि आम्र वृक्ष पर छुपे मनोज पे हुए तुंरत भस्म कामदेव शिव प्रकोप से