बात में बरखा आओ बात को बादल कर दें एक हम पागल एक तुम पागल आओ रात को पागल कर दें तीखी खट्टी इमली जैसी चार सौ चालीस बिजली जैसी रंग बिरंगी फुदक रही है देखो बातें तितली जैसी घंटी की टनटन सी बातें चूडी की खनखन सी बातें धकधकधकधक धकधकधकधक है चलती धड़कन सी बातें लैला मजनू हीर की बातें गालिब फैज़-ओ-मीर की बातें कुछ छोटे किस्से ' ऑफिस' के कुछ फूटी तकदीर की बातें जेवर वाली;