सुबह आँख खुलते ही सबसे पहले वो आम के बाग़ में जा के खट्टी-खट्टी कैरियों का नाश्ता करना और फिर घंटों ट्यूब वेल के पानी में खेलना... बचपन और गाँव... दोनों अपने आप में ही ख़ूबसूरत और साथ मिल जाएँ तो यूँ समझिये दुनिया में उससे ज़्यादा ख़ूबसूरत और कुछ भी नहीं...
32.
जहां कभी खराब भू जल स्तर के कारण हैंडपंप नहीं चल पाते थे, वहां आज 14 ट्यूब वेल और 22 हैंडपंप काम कर रहे हैं. ' प्रधान रोमी राम जायसवाल बताते हैं, ‘ गांव के बुजुर्गों की मेहनत से आज छरबा में अन्न और जल की कोई कमी नहीं है. '
33.
सुबह आँख खुलते ही सबसे पहले वो आम के बाग़ में जा के खट्टी-खट्टी कैरियों का नाश्ता करना और फिर घंटों ट्यूब वेल के पानी में खेलना... बचपन और गाँ व... दोनों अपने आप में ही ख़ूबसूरत और साथ मिल जाएँ तो यूँ समझिये दुनिया में उससे ज़्यादा ख़ूबसूरत और कुछ भी नहीं...
34.
21 एकड़ में फैले इस फार्म को रोशन करने वाले 20 हैलोजन (प्रत्येक 70 वॉट) और 600 सीएफएल (प्रत्येक 11 वॉट), मुर्गियों को गर्म रखने वाले 200 बल्ब (प्रत्येक 40 वॉट) और पानी की सप्लाई करने वाले 4 ट्यूब वेल (प्रत्येक 5 हार्स पॉवर का) को चलाने के अलावा फार्म कर्मचारियों के घर भी इसी बिजली से रोशन हो रहे हैं।
35.
सोचो की ट्यूब वेल से क्या फ़र्क पड़ा, यूरिया ने क्या किया, कीटनाशकों का क्या योगदान रहा, बंजर भूमि का शोधन करके उपजाऊ बनाने के साधनों की क्या उपयोगिता रही होगी, उन्नत किस्म के बीज क्या अंतर पैदा किया, ट्रॅक्टर के आने से क्या हुआ, थ्रेशर, क्रेशर, चीनी मिलों, आदि ने क्या फ़र्क पैदा किया.
36.
21 एकड़ में फैले इस फार्म को रोशन करने वाले 20 हैलोजन (प्रत्येक 70 वॉट) और 600 सीएफएल (प्रत्येक 11 वॉट), मुर्गियों को गर्म रखने वाले 200 बल्ब (प्रत्येक 40 वॉट) और पानी की सप्लाई करने वाले 4 ट्यूब वेल (प्रत्येक 5 हार्स पॉवर का) को चलाने के अलावा फार्म कर्मचारियों के घर भी इसी बिजली से रोशन हो रहे हैं।
37.
बस जरा सी मुश्किलें हैं मसलन बिजली नहीं है यानि फ्रीज़, टी. वी. पंखा कुछ नहीं है शाम के बाद एक टिमटिमाता दिया है, खाने को बाजरे का सोगरा और कढी है, पानी एक किलोमीटर दूर ट्यूब वेल से लाना पड़ेगा और शौच के लिए अल सुबह जंगल में जाना पड़ेगा पुरुष खुले में नहाएँगे महिलाओं के लिए दो दीवार खडी कर आड़ बनायीं गई है.
38.
ये जोधपुरिये भी ड्रामा करने में पीछे नहीं | जोधपुर में एक बार एक फैक्ट्री में ट्यूब वेल खोदने के लिए पानी की जांच देखी | एक चौकी पर नारियल रख उस पर कोई दोनों पगथलियाँ रखकर बैठता है बैठते ही नारियल थोड़ा घूमे तो समझो नीचे जमीन में पानी है | अब चिकनी चौकी पर रखे नारियल पर वजन पड़ेगा तो थोड़ा घूमेगा ही! पर उनके ड्रामे को क्या कहें?
39.
बारिश का पानी यूँ ही नालियों में बह जाता है और जमीन का वाटर लेवल लो होता जा रहा है अब अगर आपको घर के बाथरूम में ट्यूब वेल के पानी का मज़ा लेना है तो पानी तो बचाना ही पड़ेगा जरा सोचिये अगर हमें शहर में ही गावं का मज़ा मिलने लग जाए तो शहर और गावं का अंतर मिट जाएगा और विकास का फल सभी को मिलेगा तो सोच क्या रह रहे हैं आइये शहरों और गांवों के बीच इस दूरी को खत्म किया जाए और ग्लोबल विलेज को रियल सेंस में ग्लोबल कर दिया जाए.