डी. एन.ए. की एक सामान्य मुटेशन में दो पार्श्वस्थ थाइमिन या साइटोसिन सम्मिलित होते हैं, जो पराबैंगनी किरणों में थाइमिन डाइमर बनाता है, जिससे डी.एन.ए. में बल पड़ जाते हैं।
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इस खोज के पश्चात कुछ विज्ञानियों ने प्रत्येक मानवी क्रिया चाहे वह शारीरिक हो, मानसिक या सामाजिक, का आधार जीन के रूप में डी.एन.ए. के टुकड़े को बना दिया ।
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कुछ अतिकथनी तो हमारा वंशानुगत लक्षण होती है, हमारे डी.एन.ए. का अभिन्न अंग होती है लेकिन कुछ ऐसी होती है जो किसी घटना को प्रत्यक्ष देखने पर सहसा ही हमारी…
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इसे जेम्स डी. वाटॅसन ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक “डॅबल हेलिक्स” में वर्णित किया है (अब यह पुस्तक हिन्दी में भी उपलब्ध है) प्रकृति ने परिपूर्ण डी.एन.ए. क्यों नहीं बनाया…
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उपभोक्ताओं को इससे बचाने हेतु, एक पॉलिमरेज़ चेन प्रतिक्रिया (पी.सी.आर) आधारित ऐसेय (मानवों में डी.एन.ए. अंगुली चिह्न तकनीक की तरह ही) अशुद्ध किस्मों और मिलावटी किस्मों को पहचानने में मदद करता है।
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उपभोक्ताओं को इससे बचाने हेतु, एक पॉलिमरेज़ चेन प्रतिक्रिया (पी.सी.आर) आधारित ऐसेय (मानवों में डी.एन.ए. अंगुली चिह्न तकनीक की तरह ही) अशुद्ध किस्मों और मिलावटी किस्मों को पहचानने में मदद करता है।
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उपभोक्ताओं को इससे बचाने हेतु, एक पॉलिमरेज़ चेन प्रतिक्रिया (पी.सी.आर) आधारित ऐसेय (मानवों में डी.एन.ए. अंगुली चिह्न तकनीक की तरह ही) अशुद्ध किस्मों और मिलावटी किस्मों को पहचानने में मदद करता है।
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इनमें कॉनफोकल माइक्रोस्कोपी, एन.एम.आर. स्पेक्ट्रोस्कोपी, ऑटोमेटेड डी.एन.ए. सीक्वेंसिंग, डिजिटल इमेजिंग, माइक्रोअरे, प्रोटियोमिक्स, एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफी, एटॉमिक फोर्स माइक्रोस्कोपी ट्रान्सजनिक, एटॉमिक फोर्स माइक्रोस्कोपी तथा नॉक आउट सुविधा एवं चित्र विश्लेषण सुविधा आदि सम्मिलित हैं ।
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हाल ही में हुए विभिन्न जातियों को पृथक करने, पहचानने व विभिन्न टैक्सोनॉमी पैमानों पर उनके विभिन्न समूहों के बीच संबंध ढ़ूढने हेतु डी.एन.ए. प्रयोग पारजैवज्ञों के लिये अत्यधिक महत्वपूर्ण व सहायक रहे हैं।
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हाल ही में हुए विभिन्न जातियों को पृथक करने, पहचानने व विभिन्न टैक्सोनॉमी पैमानों पर उनके विभिन्न समूहों के बीच संबंध ढ़ूढने हेतु डी.एन.ए. प्रयोग पारजैवज्ञों के लिये अत्यधिक महत्वपूर्ण व सहायक रहे हैं।