इसके अतिरिक्त इसमें असुविधाएँ बहुत हैं, जैसे डूश के लिए एकांत स्थान की आवश्यकता, तुरंत उठकर डूश लेना, गरम जल का मिलना आदि और फिर भी अनिश्चित परिणाम।
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जो स्त्रियां जल्दी मां नहीं बनना चाहती उनके लिए आज के समय में काफी साधन बाजार में आ गए हैं जैसे गर्भनिरोधक गोलियां, कापर टी, जेली और डूश आदि।
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जो भी हो यह तरीका उन्हें इतना पसन्द आया कि घर आकर अपने लिए डूश बाथ का इंतज़ाम कर लिया और हमारा खानसामा उन्हें नहलाने का काम भी सीख गया।
34.
आयुर्वेदिक इलाज-समस्या की वजह जानकर पंचकर्म द्वारा शरीर की शुद्धि की जाती है, जिसमें स्वेदन (स्टीम), स्नेहन (ऑयलिंग), विरेचन (अनीमा) के अलावा पिचुवर्ती और डूश (स्त्रियों में) आदि क्रियाएं कराई जाती हैं।
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बोरिक एसिड के घोल का भी प्रयोग करा जा सकता है और यदि अंदरूनी सफ़ाई के लिये पिचकारी से धोना (डूश लेना) हो तो आयुर्वेद की अत्यंत प्रभावकारी औषधि “नारायण तेल” का प्रयोग सर्वोत्तम होता है।
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मैथुन के तुरंत बाद योनिमार्ग को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से डूश लेने की आदत भी बंध्यता उत्पन्न कर देती है क्योंकि इसमें शुक्राणु मर जाते हैं और फैलोपी नलिकाओं में अवरोध आ जाता है ।
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बोरिक एसिड के घोल का भी प्रयोग करा जा सकता है और यदि अंदरूनी सफ़ाई के लिये पिचकारी से धोना (डूश लेना) हो तो आयुर्वेद की अत्यंत प्रभावकारी औषधि “नारायण तेल” का प्रयोग सर्वोत्तम होता है।
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सबसे पहले आप अपनी पत्नी को नीम के पत्तों के काढ़े से एक सप्ताह तक योनि में डूश (पिचकारी नुमा यंत्र से योनि के अंदर तक धुलाई करने को डूश लेना कहते हैं) लेने को कहें।
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सबसे पहले आप अपनी पत्नी को नीम के पत्तों के काढ़े से एक सप्ताह तक योनि में डूश (पिचकारी नुमा यंत्र से योनि के अंदर तक धुलाई करने को डूश लेना कहते हैं) लेने को कहें।
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गर्भाशयांतर डूश, स्पंज का प्रयोग, वीर्य के इंजेक्शन (जिससे शरीर में शुक्राणुरोधी वस्तुएँ उत्पन्न हो जाएँ), अंड और अंडग्रंथि पर एक्स किरणों का डालना, जिससे अस्थायी बंध्यता उत्पन्न हो जाए, आदि विधियाँ, अब केवल ऐतिहासिक महत्व की बातें हैं।