आधुनिक समाज की प्रमुख समस्याओं में से यह भी है कि बाजारवाद से प्रेरणाएं लेता है, जो ज्ञान को सूचना में संवेदना को ठोस उत्पादों में ढाल देना चाहता है, ताकि उन्हें बेचकर कमाई की जा सके.
32.
ध् यान था तो सिर्फ इस बात पर कि शिफ्ट करने से पहले अपने क् वार्टर को मनमुताबिक ढाल देना ताकि बाद में हर कार्य सुविधापूर्ण ढंग से हो सके और बाद में किसी भी परिस्थिति में मेरे अध् ययन मनन में कोई रूकावट न आए।
33.
वे पश्चिम की समस्त ज्ञान संबंधी एवं साहित्यिक धनराशि और आधुनिक प्रवृत्तियों एवं दृष्टिकोणों से पूरा-पूरा लाभ उठाने के साथ-साथ अपने प्राचीन सिद्धांतों, जातीय परंपराओं तथा मानमर्यादा को भी स्थिर रखना चाहते हैं और इसके विपरीत कुछ अरबी साहित्य को बिलकुल पश्चिमी विचारधारा और वर्णनशैली में ढाल देना चाहते हैं।
34.
वे पश्चिम की समस्त ज्ञान संबंधी एवं साहित्यिक धनराशि और आधुनिक प्रवृत्तियों एवं दृष्टिकोणों से पूरा-पूरा लाभ उठाने के साथ-साथ अपने प्राचीन सिद्धांतों, जातीय परंपराओं तथा मानमर्यादा को भी स्थिर रखना चाहते हैं और इसके विपरीत कुछ अरबी साहित्य को बिलकुल पश्चिमी विचारधारा और वर्णनशैली में ढाल देना चाहते हैं।
35.
वे पश्चिम की समस्त ज्ञान संबंधी एवं साहित्यिक धनराशि और आधुनिक प्रवृत्तियों एवं दृष्टिकोणों से पूरा-पूरा लाभ उठाने के साथ-साथ अपने प्राचीन सिद्धांतों, जातीय परंपराओं तथा मानमर्यादा को भी स्थिर रखना चाहते हैं और इसके विपरीत कुछ अरबी साहित्य को बिलकुल पश्चिमी विचारधारा और वर्णनशैली में ढाल देना चाहते हैं।
36.
' '26 मई 1949 को संविधान सभा में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि आप अल्पसंख्यकों को ढाल देना चाहते हैं तो वास्तव में आप उन्हें अलग-थलग करते है, हो सकता है कि आप उनकी रक्षा कर रहे हो पर किस कीमत पर? ऐसा आप उन्हें मुख्य धारा से काटने की कीमत पर करेंगे''
37.
26 मई, 1949 को संविधान सभा में पं. जवाहर लाल नेहरू ने कहा था, ‘‘ यदि आप अल्पसंख्यकों को ढाल देना चाहते हैं तो वास्तव में आप उन्हें अलग-थलग करते हैं … हो सकता है कि आप उनकी रक्षा कर रहे हों, पर किस कीमत पर? ऐसा आप उन्हें मुख्यधारा से काटने की कीमत पर करेंगे।
38.
जी हां, इसका लक्ष्य है व्यक्तिगत संपत्ति को, जो फिलहाल सर्वभक्षी श्रम-शोषण और श्रम-दासता का मूल कारण है, उत्पादनतंत्र, भूमि और पूंजी आदि के प्रबंधन में व्यापक संशोधन कर, सर्वथा मुक्त और परस्पर सहयोगाधारित श्रम-व्यवस्था में ढाल देना. यही साम्यवाद है, ‘ असंभव ' मान लिया साम्यवाद '
39.
ये एक प्रकार की ढाल देना हैं उन लोगो को जो महिला का अपमान करते हैं, कुछ उसी तरह जैसे कोई महिला यौन शोषण के दोषी अपने भाई, पिता, पति, बेटे को बचाने के लिये सामने आ कर कहती हैं “ नहीं वो ऐसा नहीं कर सकता, मै उसको आप लोगो से बेहतर जानती हूँ ”
40.
‘ इसी तरह से सामाजिक नियमों-मर्यादाओं को पाप और पुण्य के रूप में आम जन के मन-मस्तिष्क पर ढाल देना ; कि बुरा करोगे तो बुरा पाओगे, भला करोगे तो भला ही पाओगे, करके ; मनुष्य को पाप कर्मों से दूर रखा और जो भी कार्य करने की प्रेरणा दी ‘ वह सम्पूर्ण चराचर जगत के भले के लिए हो ; दी गयी ।