राहु की अद्रश्य शक्ति को समझने के लिये तार के अन्दर उपस्थित बिजली टेलीफ़ोन या इन्टरनेट का करेंट, पेट्रोल डीजल के अन्दर छुपी ज्वलनशीलता, बारूद के अन्दर छुपी विस्फ़ोटक छमता, बादलों के अन्दर छुपी तडित बिजली आदि के बारे में पता करना भौतिक रूप से बिना केतु (नापने के साधनों) के असम्भव है।
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छनभर को बैठा और साँझ हुई स्मृतियों मे मेरी जैसे खलबली मची उफने कुछ और बह जाए ठहरे कभी और बढ़ जाए तडित की गति से त्वरित कभी कभी केचुए से भी मंद कोलाहल मन को ले जाए कहीं और संशय फ़िर ला पटके वहीं आदि कहीं और अंत कभी संकल्पों और विकल्पों के बीच, नीर दिखे हर मोड़ अभी और मोड़ के पार है जाना कहीं
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सब बुझे दीपक जला लूँ घिर रहा तम आज दीपक-रागिनी अपनी लगा लूँ क्षितिज-कारा तोड़ कर अब गा उठी उन्मत्त आँधी अब घटाओं में न रुकती लास-तन्मय तडित बाँधी धूलि की इस वीणा पर मैं तार हर तृण का मिलालूं भीत तारक मूंदते दृग, भ्रांत मारूत पथ न पाता छोड़ उल्का अंक नभ में, ध्वंस आता हरहराता उँगलियों की ओट में सुकुमार सब सपने बचालूं लय बनी मृदु वर्तिका हर स्वर जला बन लौ सजीली फैलती आलोक सी..........