(2) के साथ आगे बढ़ने और आपराधिक या दीवानी मामलों के संचालन के संबंध में सभी शक्तियों, कार्यों और कर्तव्यों प्रदत्त सौंपा या उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत में न्यायिक अधिकारियों पर तत्समय प्रवृत्त के लिए किसी भी कानून के तहत लगाए गए, विषय, करेगा ने कहा कि क्षेत्र और शरियत के स्थापित सिद्धांतों में इस तरह के कानून के आवेदन करने के लिए, प्रयोग, प्रदर्शन या द्वारा में के रूप में उन्हें अनुसूची द्वितीय के कॉलम 3 में निर्दिष्ट छुट्टी दे दी.
32.
(3) उच्च न्यायालय उन फीसों की सारणियाँ भी स्थिर कर सकेगा जो ऐसे न्यायालयों के शैरिफ को तथा सभी लिपिकों और अधिकारियों को तथा उनमें विधि-व्यवसाय करने वाले अटर्नियों, अधिवक्ताओं और लीडरों को अनुज्ञेय होंगी: परंतु खंड (2) या खंड (3) के अधीन बनाए गए कोई नियम, विहित किए गए कोई प्रारूप या स्थिर की गई कोई सारणी तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के उपबंध से असंगत नहीं होगी और इनके लिए राज्यपाल के पूर्व अनुमोदन की अपेक्षा होगी।
33.
निगम के गठन के लिए और नगर के रूप में अधिसूचित क्षेत्र के प्रशासक के लिए अस्थायी उपबन्ध,-(1) जहाँ किसी क्षेत्र को संविधान के अनुच्छेद 243-थ के खण्ड (2) के अधीन वृहत्तर नगरीय क्षेत्र विनिर्दिष्ट किया गया है, और राज्य सरकार की राय है कि संविधान के अधीन, ऐसे क्षेत्र के लिए 3निगम का सम्यक संगठन होने तक ऐसा करना समाचीन है, वहाँ राज्य सरकार, इस अधिनियम या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी आदेश द्वारा निर्देश दे सकती है कि-