एन दूरियों में तुमको, जितना याद किया हमने, तेरे आने पर तुमको इतना चाहेंगे हम, मेरे बारे में हवाओ से वो कब पूछेगा ख़ाक जब ख़ाक में मिल जाए गी तब पूछेगा घर बसाने में यह खतरा है के घर का मालिक रात में दिर से आने का सबब पूछेगा अपना ग़म सबको बताना है तमाशा करना हाल-ऐ-दिल उसको सुनाएं गे वो जब पूछेगा जब बिचार्र्ना भी तो हँसते हुए जन वरना हर कोई रूठ के जाने का सबब पूछे गा।