चीड़ से रेजिन निकाल कर उसका उपयोग तारपीन का तेल बनाने तथा ग्रीस की प्रसिद्ध शराब रेट्जिना (Retsina) को स्वादिष्ट बनाने के लिये होता है।
32.
जीर्णश्वसनीशोथ (पुरानी श्वास नली की सूजन) या ब्रोंकाइटिस से पीड़ित रोगी को तारपीन का तेल 3 से 10 बूंद की मात्रा में सेवन कराना चाहिए।
33.
तारपीन का तेल मिलाकर चंदर आगे लिखने लगा-‘ प्रो. कविराज नित्यानंद तिवारी ' ऊपर की पंक्ति ‘ श्री धन्वंतरि औषधालय ' स्वयं वैद्यजी लिख चुके थे ।
34.
100 ग्राम काला नमक, 30 ग्राम हींग, 100 मिली लीटर तारपीन का तेल व 500 मिलीलीटर अलसी का तेल मिलाकर पशु को पिलायें और पशु चिकित्सक से सलाह लें।
35.
तथा लीसा, विरोजा, तारपीन का तेल, डामर व राल का सारा विवरण हिन्दी, अंगरेजी व अन्य भाषाओं में विस्तार से पढ़ कर नई-नई बाते उसमें मिली.
36.
रंगों को पतला करने और शीघ्र सुखाने के लिये पहले अलसी या तारपीन का तेल मिलाते थे लेकिन आजकल चमकीले रंग पसंद नहीं किए जाते इसलिये अलसी का तेल न मिलाकर सिर्फ तारपीन के तेल या पेट्रोल मिलाते हैं।
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रंगों को पतला करने और शीघ्र सुखाने के लिये पहले अलसी या तारपीन का तेल मिलाते थे लेकिन आजकल चमकीले रंग पसंद नहीं किए जाते इसलिये अलसी का तेल न मिलाकर सिर्फ तारपीन के तेल या पेट्रोल मिलाते हैं।
38.
इस औषधि की दो से तीन मात्रा का प्रयोग करने पर भी यदि सूजन न घटे तो रोगी के पेट के ऊपर एक पतला कपड़ा बिछाकर उसपर थोड़ा विशुद्ध तारपीन का तेल छिड़क देने पर पेट की सूजन घट सकती है।
39.
२. कपूर और शुद्ध तारपीन का तेल बराबर मात्रा में लेकर एक कांच की शीशी में भर कर कस कर ढक्कन लगा दें और तेज धूप में इस शीशी को दो घंटे रख दें तो सारा कपूर तेल में मिश्रित हो जाएगा।
40.
पेन्टर साहब से सौदा तय होने के बाद रंग रोगान लाया गया जिनमें ये पुट्टी, प्राईमर, प्लास्टीक पेन्ट, आईल पेन्ट, ब्रश, रोलर, रेतमाल के पत्ते, तारपीन का तेल व टचवुड का पोलिश सागवान के लिये आदि थे।