कस्तूरी नाम मूलतः एक ऐसे पदार्थ को दिया जाता है जिसमें एक तीक्ष्ण गंध होती है और जो नर कस्तूरी मृग के पीछे / गुदा क्षेत्र में स्थित एक ग्रंथि से प्राप्त होती है.
32.
श्राद्ध में कदंब, देवड़ा, मौलश्री, बेलपत्र, करवीर, लाल तथा काले रंग के पुष्प, तीक्ष्ण गंध वाले पुष्प आदि का प्रयोग नहीं करना चाहि ए. 6. श्राद्ध में तुलसीदल का प्रयोग आवश्यक है.
33.
उस छांव वाले कोने में तभी तीक्ष्ण गंध का भभका आया, यह किसी डियोडरेंट की खुशबू थी, जो मेरे नाक तक बेसाख्ता आ गई थी, देखा तो एक अधेड़, बेहद नफासत पसंद औरत मेरे करीब से गुजरी थी, उसका परिधान और उसके जिस्म के खुले भाग को मुझे यहां शब्द देने की हिम्मत नहीं हो रही है।
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उस छांव वाले कोने में तभी तीक्ष्ण गंध का भभका आया, यह किसी डियोडरेंट की खुशबू थी, जो मेरे नाक तक बेसाख्ता आ गई थी, देखा तो एक अधेड़, बेहद नफासत पसंद औरत मेरे करीब से गुजरी थी, उसका परिधान और उसके जिस्म के खुले भाग को मुझे यहां शब्द देने की हिम्मत नहीं हो रही है।