| 31. | अभ्यासेन तु कौन्तेय वैराग्येण च गृह्यते ॥६-३५॥
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| 32. | मेरे शब्दों में कहां उलझे थे तु म.
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| 33. | तु क्यों नही जन्मा रे मेरी कोख से
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| 34. | पति: तो तु अब क्या करोगी?
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| 35. | हम ब्राह्मण हैं और तु म... ''
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| 36. | एवं चलितवृत् तस् तु वृत् तशेषं न रक्षति।।
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| 37. | अब तु मुझे शिव के पास पहुचा दे।
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| 38. | ' क्या कह रही हो तु म..
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| 39. | मा तु मेरि सब से बढि प्रेर्ना थि
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| 40. | दीनों से तु प्यार है करले, दीनानाथ ही बनजाये।
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