हर व्यक्ति जो इस संसार से प्रेम करे और ईश्वर की उपस्थिति में इसी क्षणिक संसार को सबकुछ समझे तो वह बहुत ही तुच्छ वस्तु पर सहमत हो गया है।
32.
जब आपके लाडले ने ज़्यादा कुछ अपनी ज़िन्दगी में एचिव नहीं किया हो तो आप उसकी ' कन्फर्मेशन लैटर ' जैसी तुच्छ वस्तु को भी माइक्रोस्कोपिक नज़रों से देखते हैं.
33.
आत्मस्वातंत्रय का खून करके अगर जीवन की चिंताओं से निवृत्ति हुई, तो क्या? मेरी आत्मा इतनी तुच्छ वस्तु नहीं है कि उदर पालने के लिए उसकी हत्या कर दी जाए।
34.
वैसे भी इस जगत में लाइसेंस एक ऐसी तुच्छ वस्तु है जिसे चंद करोड़ों में बाएं हाथ की ऊंगली पर सभी नचाते दिखते हैं...और मंत्रालय में थोड़ा जुगाड़तंत्र बना हो तो फिर क्या कहने।
35.
जब चाहे अपनी सुविधा के अनुसार एवं अपने सुख के लिए पाप और पुण्य का निश्चित विधान बना डाला और स्त्रियों को तुच्छ वस्तु के समान मान कर उसका जैसे चाहे प्रयोग करते रहे।
36.
इससे यह साबित होता है कि ये बडे लोग तुच्छ से तुच्छ वस्तु को भी शबरी के जूठे बेर की तरह महान बना सकते हैं और खुद भी इस तरह से महान बन जाते हैं.
37.
जिस रमणी ने मेरे प्रेम को तुच्छ समझकर पैरों से कुचल दिया, उसको मैं दिखाना चाहता हूँ कि मेरी आँखों में धन कितनी तुच्छ वस्तु है, यही मेरे जीवन का एकमात्र उद्देश्य है।
38.
हमें उसमें भांति-भांति की बुराइयां दिखने लगती हैं, खोट नजर आने लगते हैं और हम उसकी तुलना तुच्छ से भी तुच्छ वस्तु से करने लगते हैं, क्योंकि हम वह नहीं कर सकते जो उसने किया है।
39.
क्यों किसी की पांबद होकर रहूं? क्यों अपनी इच्छाओं को किसी व्यक्ति के सांचे में ढालू? क्यों किसी को यह अधिकार दूं कि तुमने यह क्यों किया, वह क्यों किया? दाम्पत्य मेरी निगाह में तुच्छ वस्तु थी।
40.
उस कथा में श्री साईबाबा ने दर्शाया था कि प्रेम तथा भक्तिपूर्वक अर्पित की हुई तुच्छ वस्तु भी वे सहर्श स्वीकार कर लेते थे, परन्तु यदि वह अहंकारसहित भेंट की गई तो वह अस्वीकृत कर दी जाती थी ।