| 31. | त्रैलोक्य में तुमसा प्रभो! कोई कहीं भी है नहीं..
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| 32. | इसे पापनाशिनी, त्रैलोक्य पावनी तथा अस्रग्-धारसम्भवा भी कहते हैं।
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| 33. | (1) कृतक त्रैलोक्य-कृतक त्रैलोक्य जिसे त्रिभुवन भी कहते हैं।
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| 34. | आतां हे त्रैलोक्य जीविताची तरी ।
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| 35. | उसने ब्रह्मा की अराधना कर त्रैलोक्य का स्वामित्व प्राप्त किया।
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| 36. | वैकुंठ, त्रैलोक्य मोहन, और अनंत और विश्वमुख के चार मुख क्रमश:
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| 37. | उक्त त्रैलोक्य के भी तीन भेद हैं-भूलोक, भुवर्लोक, स्वर्लोक (स्वर्ग)।
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| 38. | त्रैलोक्य में करना न कुछ, पर कर्म करता मैं सभी..
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| 39. | स्वतंत्रता के बाद भी त्रैलोक्य चक्रवर्ती पूर्वी बंगाल में ही रहे।
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| 40. | कामासुर ने कुछ ही समय में त्रैलोक्य पर अधिकार प्राप्त कर लिया।
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