1. रस चूसने वाले कीट-फुदका माहो, सफेद मक्खी, थ्रिप्स आदि के निम्फ व प्रोढ़ पत्तियों की निचली सतह से रस चूसते हैं जिससे पत्तियॉ पीली होकर गिर जाती है।
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थ्रिप्स से बचाव के लिये ' नूवान ' (2 ग्राम प्रति लिटर पानी में) या ' सेविन ' 0.4 प्रतिशत की दर से छिडकाव करना लाभकारी रहता है।
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अतः बीटी कपास के पौधे में सफ़ेद मक्खी, हरा तेला (जैसिड) व पर्ण कीट (थ्रिप्स) आदि की हानि को रोकने के लिये कीटनाशकों का छिड़काव करना पड़ेगा।
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कीटों (कीडों) में खासतौर से थ्रिप्स (एक छोटा कीडा) तथा माइट (दीमक) का आक्रमण होता है, जोकि पत्ति और फ़ूल दोनों को प्रभावित करते है।
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पौध संरक्षण के उपाय: प्याज तथा लहसुन की फसल पर जिन रोगों का आक्रमण होता है, उनमें सर्वाधिक हानि परपल ब्लॉच अथवा ब्लाइट से होती है एवं थ्रिप्स कीट का प्रकोप अधिक होता है।
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महों, थ्रिप्स एवं सफेद मक्खी: इनके नियंत्रण के लिये मोनोक्रोटोफॉस 36 ई.सी. का 220 मि.ली. प्रति एकड़ या डाईमिथिएट का 30 ई.सी. का 200 मि.ली. प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रयोग करें।
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अन्य कीड़े: तेला या थ्रिप्स (शिशु व वयस्क सूक्ष्म एवं हरे-पीले रंग के होते हैं) व सफेद मक्खी या व्हाइट फ्लाय (शिशु हरे सूक्ष्म एवं वयस्क सफेद होते हैं) बाढ़ अवस्था में कभी-कभी आक्रमण करते हैं।
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प्याज के किसान रहें थ्रिप्स कीट से सावधान | कृषि विभाग ने प्याज की फसल के सन्दर्भ में आगाह किया है कि प्याज के मुख्य क्षतिकारक कीट थ्रिप्स हैं जो प्याज की फसल को काफी नुकसान पहुँचाते हैं।
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प्याज के किसान रहें थ्रिप्स कीट से सावधान | कृषि विभाग ने प्याज की फसल के सन्दर्भ में आगाह किया है कि प्याज के मुख्य क्षतिकारक कीट थ्रिप्स हैं जो प्याज की फसल को काफी नुकसान पहुँचाते हैं।
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थ्रिप्स कीट इसमे लगता है, इसकी रोकथाम के लिए डेमेक्रान 250 एम एल प्रति हैक्टर की दर से छिडकाव करना चाहिए या इंडोफिल 2-2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर 10-15 दिन के अन्तराल पर छिडकाव करते रहना चाहिए I