कैसे रहोगे तन्हा हम बिन, जी न सकेंगे हम भी तुम बिन | दिल पर बोझ यादो का इतना, मर भी सकेंगे कैसे तुम बिन | शाम तो कट ही गई पीते पीते, जाने कैसे कटेगी यह रात तुम बिन |
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बात-बात पर शिकायतें, उलाहने उसकी जुबान पर तो रहते ही है, धीरे-धीरे दिल पर बोझ लिए वह एक दिन रक्त चाप की मरीज बन जाती है और ना केवल वह बल्कि उसके साथ रहने वाले भी इस बीमारी के शिकार हो जाते है।
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मेष राशी वाले आज कोई नया कार्य शुरू कर सकते है, पर किसी भी तरह के लफड़े से बचे, पानी से बचे व् नमक व् नमकीन चीजो के सेवन से परहेज करें, आज कोई ऐसा कार्य न करें जिससे दिल पर बोझ पड़े, लाल रंग से परहेज करें
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कैसे रहोगे तन्हा हम बिन, जी न सकेंगे हम भी तुम बिन | दिल पर बोझ यादो का इतना, मर भी सकेंगे कैसे तुम बिन | शाम तो कट ही गई पीते पीते, जाने कैसे कटेगी यह रात तुम बिन | ‘राही’ भूल रहा है अपनी मंझिल, बदले बदले से जो
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कैसे रहोगे तन्हा हम बिन, जी न सकेंगे हम भी तुम बिन | दिल पर बोझ यादो का इतना, मर भी सकेंगे कैसे तुम बिन | शाम तो कट ही गई पीते पीते, जाने कैसे कटेगी यह रात तुम बिन | ‘राही’ भूल रहा है अपनी मंझिल, बदले बदले से जो कैसे रहोगे तन्हा हम बिन,
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आँखें पलकें गाल भिगोना ठीक नहीं छोटी-मोटी बात पे रोना ठीक नहीं गुमसुम तन्हा क्यों बैठे हो सब पूछें इतना भी संज़ीदा होना ठीक नहीं कुछ और सोच ज़रीया उस को पाने का जंतर-मंतर जादू-टोना ठीक नहीं अब तो उस को भूल ही जाना बेहतर है सारी उम्र का रोना-धोना ठीक नहीं मुस्तक़बिल के ख़्वाबों की भी फिक्र करो यादों के ही हार पिरोना ठीक नहीं दिल का मोल तो बस दिल ही हो सकता है हीरे-मोती चांदी-सोना ठीक नहीं कब तक दिल पर बोझ उठायोगे ‘परवाज़ ' माज़ी के ज़ख़्मों को ढ़ोना ठीक नहीं-जतिंदर परवाज़ हादसा था...