वह एक सौन्दर्य सिक्त पर्वती पक्षी फलों का तृषित टेकड़ी पर बैठा कभी-कभी पैनी आवाज करता हुआ उड़ता अपेक्षाकृत स्वच्छ टीलों पर स्थानांतरण करता व अति दुखी हो अश्रुपात करता, निकट एक गिद्ध एकाग्रचित्त कई दिनों से सड़ रहे दुर्गन्धित एक मोटे चूहे को चट कर रहा और चीलें व कौवे मरे व अधमरे पक्षी व चूहों को टुकडे करते, खींचते व भक्षण करते।