* पुण्यकाल में दांत मांजना, कठोर बोलना, फसल तथा वृक्ष का काटना, गाय, भैंस का दूध निकालना व मैथुन काम विषयक कार्य कदापि नहीं करना चाहिए।
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हालाँकि मैं भी भैंस का दूध निकालना चाहता था पर पता नहीं क्यों, मेरे पास आते ही भैंस अपने लंबे मुड़े हुए सींगों से मुझे मारने या भगाने की कोशिश करती थी.
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उन दिनो हमारे घर मे गाय भैंस भी हुआ करती थी… मेरी दीदी भैंस का दूध निकालना भी जानती थी मेरे भाईयों की तरह ही वे भी एक बाल्टी भरकर दूध निकाल लेती थी…..
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हालाँकि मैं भी भैंस का दूध निकालना चाहता था पर पता नहीं क्यों, मेरे पास आते ही भैंस अपने लंबे मुड़े हुए सींगों से मुझे मारने या भगाने की कोशिश करती थी.
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माँ-बाबूजी के नहाने का इन्तेजाम करना... नाश्ता बनाना... सबको खिलाना..... पहलवान भाइयों के लिए सोयाबीन का दूध निकालना... कपड़ा धोना.. पसारना.. खाना बनाना.. खिलाना... फिर कॉलेज जाना....
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उन दिनो हमारे घर मे गाय भैंस भी हुआ करती थी … मेरी दीदी भैंस का दूध निकालना भी जानती थी मेरे भाईयों की तरह ही वे भी एक बाल्टी भरकर दूध निकाल लेती थी …..
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रोजाना डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर टेंपो पकड़ कर स्कूल जाना उसकी रोज की कवायद में शामिल है, सुबह उठकर भैंस का दूध निकालना ओर रात को लालटेन की रौशनी में पढ़कर वो इंटर में 87 प्रतिशत नंबर लायी है...
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देखभाल के साथ-साथ व्यंजन के माध्यम से ज्यादा लाभ कमा सकते हैं पशु का दूध हमेशा पूर्ण हस्त विधि अर्थात् पूरे हाथ के बीच थन को लेकर प्यार से दबाकर दूध निकालना चाहिए लेकिन हमारे भाई ज्यादातर अंगूठा दबाकर दूध निकालते हैं जो कि गलत है।
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संभव है कोई दलित रचनाकार जिसने काली जैसा जीवन जिया हो, काली और उस जैसे मजदूरों के जीवन की नारकीयता को और बेहतर कहने की कोशिश करता, लेकिन अब तक की दलित लेखकों की रचनाओं-खासकर उपन्यासों-से गुजरने के बाद ऎसी आशा करना बछड़े से दूध निकालना जैसा है.