पृथ्वी की दैनिक गति के परिणामस्वरूप दिन-रात का जन्म और उसमें वर्ष के चार महत्वपूर्ण दिन 22 मार्च, 21 जून, 23 सितम्बर और 22 दिसम्बर हैं।
32.
इसी कारण शुभ कार्यों हेतु तिथि, वार, नक्षत्र, करण, चंद्रमास, ग्रहों का उदयास्त एवं दैनिक गति के आधार पर शुभ मुहूर्त का चयन किया जाता है।
33.
दैनिक गति विधियों के क्रम में अक्सर हम देखते हैं कि कोई दुबला पतला व्यक्ति अपने से अधिक शक्तिशाली व्यक्ति से भी जूझ पड़ता है, इसे हम उस दुबले पतले व्यक्ति का पराक्रम कहेंगे।
34.
पीआईबी द्वारा अब स् थानीय प्रमुख नेताओं की प्रमुख दैनिक गति विधियों की कवरेज और फोटो प्रभाग द्वारा लिए गए दृश् य सामग्री का इंटरनेट द्वारा प्रतिदिन प्रेस के लिए उपलब् ध कराया जाता है।
35.
लेकिन विचारनीय है कि यह घड़ी आयी कहॉ से? भले ही घड़ी को पृथ्वी की दैनिक गति का पर्याय नहीं कहा जाए, पृथ्वी की दैनिक गति को समझने के लिए या उसका पूर्णत:
36.
लेकिन विचारनीय है कि यह घड़ी आयी कहॉ से? भले ही घड़ी को पृथ्वी की दैनिक गति का पर्याय नहीं कहा जाए, पृथ्वी की दैनिक गति को समझने के लिए या उसका पूर्णत:
37.
लेकिन विचारनीय है कि यह घड़ी आयी कहॉ से? भले ही घड़ी को पृथ्वी की दैनिक गति का पर्याय नहीं कहा जाए, पृथ्वी की दैनिक गति को समझने के लिए या उसका पूर्णत:
38.
लेकिन विचारनीय है कि यह घड़ी आयी कहॉ से? भले ही घड़ी को पृथ्वी की दैनिक गति का पर्याय नहीं कहा जाए, पृथ्वी की दैनिक गति को समझने के लिए या उसका पूर्णत:
39.
पृथ् वी की वार्षिक गति के सापेक्ष ही पंचांगों में सूर्य की स्थिति में प्रतिदिन परिवर्तन देखा जाता है, जबकि दिन भर के 24 घंटों में सूर्य की स्थिति में कोणिक परिवर्तन पृथ् वी की दैनिक गति के कारण ही होता है।
40.
अब पृथ्वी की दैनिक गति और उसके पर्याय घड़ी के 24 घंटे को समझने के बाद उस ब्रह्मांड को समझने की चेष्टा करें, जो,महीने ऋतु, वर्ष, युग, मन्वंतर, सृष्टि, प्रलय का लेखा-जोखा और संपूर्ण जगत की गतिविधि को विराट कम्प्यूटर की तरह अपने-आपमें संजोए हुए है।