| 31. | देखो तुमसे मांग रहे द्युति दान
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| 32. | बिम्बाफल सदृश अधर द्युति से, जो कुन्दकली सम थी उज्जवल।
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| 33. | निश्चल द्युति, निष्ठुर दबी हुई हँसी के समान, बिखर रही थी।
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| 34. | विद्युत की व्युत्पत्ति भी वी + द्युति से बताई जाती है।
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| 35. | चन्द्रमुखी थी राज्ञी जब कि स्वर्ण-रत्न द्युति, तारक गण थे
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| 36. | हर स्वर उसकी ही पद पैजनि हर द्युति उसकी ही चपला
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| 37. | कीर्ति है, द्युति है, पुष्टि है और सरस्वती एवं लक्ष्मीस्वरूपा है।
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| 38. | ध्यान मंत्र-नील द्युति शुल धरं किरीटिन गृद्ध स्थितं त्रासकरं धनुर्धरम्।
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| 39. | हरी, कभी श्वेत, और कभी नील-हरित द्युति रूप हो रही थी।
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| 40. | बिम्बाफल सदृश अधर द्युति से, जो कुन्दकली सम थी उज्जवल।
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