| 31. | द्युतिमान बिंदु की उपर्युक्त स्थिति के आधार पर भी प्रक्षेपों का नामकरण होता है जैसे केंद्रक, लंबवत् एवं तिर्यक् प्रक्षेप।
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| 32. | द्युतिमान बिंदु की उपर्युक्त स्थिति के आधार पर भी प्रक्षेपों का नामकरण होता है जैसे केंद्रक, लंबवत् एवं तिर्यक् प्रक्षेप।
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| 33. | देवता अर्थात द्युतिमान कांतिमान विद्युत स्वरुपी देव तत्व अतितम सूक्ष्म है और चर्म चक्षुओं से उन्हें नहीं जाना जा सकता।
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| 34. | ॐ इस एकाक्षर मंत्र में तीनों गुणों से अतीत, सर्वज्ञ, सर्वकर्ता, द्युतिमान सर्वव्यापी प्रभु शिव ही प्रतिष्ठित हैं।
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| 35. | ग्लोब को आवृत्त करने के उपरांत किसी द्युतिमान बिंदु से प्रकाश डालकर अक्षांश देशांतर रेखाओं की छाया शंकु धरातल पर प्राप्त की जाती है।
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| 36. | ग्लोब को आवृत्त करने के उपरांत किसी द्युतिमान बिंदु से प्रकाश डालकर अक्षांश देशांतर रेखाओं की छाया शंकु धरातल पर प्राप्त की जाती है।
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| 37. | आज के समय में वे होते तो कहते आधिभौतिक आभासी व्योम में द्युतिमान अक्षर या शब्द के द्वारा अपने होने को प्रमाणित करता कोई अस्तित्व।
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| 38. | आज के समय में वे होते तो कहते आधिभौतिक आभासी व्योम में द्युतिमान अक्षर या शब्द के द्वारा अपने होने को प्रमाणित करता कोई अस्तित्व।
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| 39. | इन प्रक्षेपों में ग्लोब के केंद्र को यदि द्युतिमान बिंदु माना जाता है तो अक्षांश रेखाओं के बीच की दूरी ध्रुवों की ओर एक साथ बढ़ती जाती है।
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| 40. | अब आपको यह विश्वास तो हो जाएगा कि वाल्मीकि ऋषि को ऐसी द्युतिमान औषधियों के विषय में ज्ञान था, और वह किसी कवि की कोरी कल्पना नहीं थी।
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