जब किसी लौहचुम्बकीय पदार्थ (जैसे सीआरजीओ) के उपर कोई वाह्य चुम्बकीय क्षेत्र लगाया जाता है तो इसके आणविक द्विध्रुव स्वयं को उस वाह्य क्षेत्र की दिशा में घुमा लेते हैं।
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विद्युत धारा या चुंबकीय द्विध्रुव चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है, और बदले में, वह क्षेत्र, क्षेत्रों में रहने वाले अन्य कणों पर चुंबकीय बल प्रदान करता है.
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रुंटगेन किरण के क्रिस्टलकीय विश्लेषण (crystallographic analysis), द्विध्रुव आधूर्ण (dipole moments), अवशोषण स्पेक्ट्रम (absorption spectra) तथा इलेक्ट्रॉन विवर्तन (electron diffraction) के अध्ययन भी कार्बन के चतुष्फलकीय प्रकृति की पुष्टि करते हैं।
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जब लौह-चुंबकीय द्रव्य को चुंबकीय क्षेत्र के अंतर्गत रखा जाता है, तब चुंबकीय द्विध्रुव प्रयुक्त क्षेत्र के साथ संरेखित होते हैं, इस प्रकार चुंबकीय डोमेनों की डोमेन दीवारों को विस्तृत करते हैं.
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जब लौह-चुंबकीय द्रव्य को चुंबकीय क्षेत्र के अंतर्गत रखा जाता है, तब चुंबकीय द्विध्रुव प्रयुक्त क्षेत्र के साथ संरेखित होते हैं, इस प्रकार चुंबकीय डोमेनों की डोमेन दीवारों को विस्तृत करते हैं.
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इस जोड़ी को एक द्विक या द्विध्रुव के रूप में जाना जाता है, और इस संयोजन के विकिरण एक बहुत छोटे से एक बिना अवरोधक के गतिशील लाउडस्पीकर के संचालन के समान है.
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इस जोड़ी को एक द्विक या द्विध्रुव के रूप में जाना जाता है, और इस संयोजन के विकिरण एक बहुत छोटे से एक बिना अवरोधक के गतिशील लाउडस्पीकर के संचालन के समान है.
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जब लौह-चुंबकीय द्रव्य को चुंबकीय क्षेत्र के अंतर्गत रखा जाता है, तब चुंबकीय द्विध्रुव प्रयुक्त क्षेत्र के साथ संरेखित होते हैं, इस प्रकार चुंबकीय डोमेनों की डोमेन दीवारों को विस्तृत करते हैं.
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जब प्रति-चुंबकीय द्रव्य को चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है, तो चुंबकीय द्विध्रुव स्वयं को उस क्षेत्र के विपरीत ध्रुवता पर संरेखित करने का प्रयास करता है, जिसके द्वारा निवल क्षेत्र बल कम हो जाता है.
40.
चुंबकीय क्षेत्र बनाने वाली स्थितियां ही-धारा में या एक परमाणु, और आंतरिक चुंबकीय द्विध्रुव में गतिशील आवेश-भी ऐसी स्थितियां हैं जिनमें चुंबकीय क्षेत्र का बल उत्पन्न करते हुए, एक प्रभाव होता है.