२-ॐ ऊर्जे द्विपदी भवः-इस दूसरे फेरे में हम यह निश्चय करते हैं कि हम दोनों साथ साथ आगे बढ़ेंगे.
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खानदानी परिचय: स्लेटी भुंड को द्विपदी प्रणाली मुताबिक कीट विज्ञानी माइलोसेर्स प्रजाति का भुंड कहते है इसके कुल का नाम कुर्कुलिओनिडि होता है।
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५. मुक्तिका का प्रधान लक्षण यह है कि उसकी हर द्विपदी अलग-भाव-भूमि या विषय से सम्बद्ध होती है अर्थात अपने आपमें मुक्त होती है.
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(इ) ऐसे शब्द, जो व्यक्तियों के नाम पर बनाए गए हैं, यथा फ़ारेनहाइट, एम्पीयर, वोल्टामीटर (ई) वनस्पति-विज्ञान, जीव-विज्ञान, भूविज्ञान आदि विज्ञानों में द्विपदी नामपद्धति है.
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छंद से अलग अगर चरणों के आधार पर ही अंगिका मुक्तक पर विचार करें, तो यहाँ द्विपदी से लेकर दसपदी तक के मुक्तक रचे गए है।
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५. मुक्तिका का प्रधान लक्षण यह है कि उसकी हर द्विपदी अलग-भाव-भूमि या विषय से सम्बद्ध होती है अर्थात अपने आपमें मुक्त होती है.
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द्विपदी धूप नरक निराला पसीना पुरानी डायरी पुरानी डायरी से प्रेम प्रेमकविता प्रेम कविता फाग फागुन बुद्धिनाथ मिश्र मुक्त छ्न्द युगनद्ध राम राम की शक्ति पूजा होली
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द्विपदी याद-आठवण आज का दिन भी याद रहेगा | आज वो मुझ को याद न आए || अख्तर नज्मी आजमितीचा दिवसही खरोखर लक्षात राहील ।
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भूलना है इक क्रिया तो याद करना प्रतिक्रिया, स्नेह के आवेश में ये द्विपदी है अनुलो म... हाँ, मैं गरल में गु म..!
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उपस्थान मंत्र में कहा गया है कि ' हे गायत्री! आप त्रैलोक्यरूप पाद से एकपदी हो, त्रयीं विद्या रूप पाद से द्विपदी हो, प्राणादि तृतीय पाद से चतुष्पदि हो।