इसके बाद मैं जिब्रील द्वारा मस्जिद-ए-अक्शा ले जाया गया जहाँ में दो रकात नमाज पढ़ी | इसके बाद जिब्रील मेरे सामने दो प्याले लेकर आये एक दूध से भरा था और दूसरा शराब से लबरे ज...... मैंने दूध वाला प्याला लिया जिब्रील ने कहा की आपने दूध वाला प्याला स्वीकार कर धर्माचार का परिचय दिया है |
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ऐसे लोग यदि यह देखकर क्षुब्ध हों कि कबीरदास ने दोनों धर्मों की ऊँची संस्कृति या ' दोनों धर्मों के उच्चतर भावों में सामंजस्य स्थापित करने की कहीं पर कोशिश नहीं की और सिर्फ यही नहीं, बल्कि उन सभी धर्मगत विशेषताओं की खिल्ली ही उड़ाई है जिसे मजहबी नेता बहुत श्रेष्ठ धर्माचार कहकर व्याख्या करते हैं, ' तो कुछ आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि कबीरदास इस बिन्दु से धार्मिक द्वन्द्वों को देखते ही न थे।