लोग कहते हैं कहाँ फेकें? यह भले ही देखने में सामान्य कार्य लगता हो परन्तु हिन्दू विश्वास के अंतर्गत इसका आध्यात्मिक एवं धार्मिक मूल्य है, तार्किकों को भले ही अटपटा लगे, परन्तु उन्हें इस बात पर सहमत होना पड़ेगा कि सिर्फ बौद्धिक होकर अथवा तर्क का सहारा लेकर इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता.